Payment of Productivity Linked Bonus: क्या रेल कर्मचारियों का दुर्गा पूजा और दीपावली बिना बोनस का, महंगाई भत्ते की तरह बोनस भी फ्रीज ?

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Payment of Productivity Linked Bonus: क्या रेल कर्मचारियों का दुर्गा पूजा और दीपावली बिना बोनस का, महंगाई भत्ते की तरह बोनस भी फ्रीज ?

क्या रेल कर्मचारियों को दुर्गा पूजा और दीपावली का त्यौहार इस बार बिना बोनस के बनाना पड़ सकता है ? क्या मोदी सरकार अपने कर्मचारियों का बोनस भी, महगाई भत्ते की फ्रीज़ करने का विचार कर रही है ? जी हाँ , रेल कर्मचारियों को इस वर्ष इन त्यौहारों को बिना बोनस के मनानी पड़ेगी. इसको सरकारी कर्मचारियों पर कोरोना की मार कहा जा सकता है. जिस तरह मोदी सरकार कोरोना संकट से उबरने हेतु अपने कर्मचारियों का महगाई भत्ता रोक दिया है उसी तरह से इस वर्ष रेल कर्मचारियों को इस त्यौहार में मिलने वाली बोनस से भी वंचित कर सकती है. इसकी मुख्य वजह बोनस में बंटने वाली बड़ी धन राशि हैं.
पिछले साल रेलवे ने प्रत्येक कर्मचारी 17950 रुपए का बोनस दिया था. इसी हिसाब से देखे तो देश के 73 मंडलों के 12.27 लाख कर्मचारियों को बोनस बांटने के लिए रेलवे को 21 अरब से ज्यादा रुपए चाहिए. जबकि कोविड-19 के मद्देनजर 250 स्पेशल को छोड़कर तमाम नियमित यात्री ट्रेन 25 मार्च से ही बंद है. ऐसे में रेलवे सारी कमाई गुड्स ट्रेन से कर रहा है, जो खर्च के मुकाबले बहुत कम है. ऐसे में मंहगाई भत्ते की तरह सरकार दीपावली के बोनस को भी फ्रीज करने की तैयारी कर रही है. हर साल रेलवे घोषणा करके नवरात्र में बोनस बांट देती थी. इस बार अधिकमास होने से नवरात्र 17 अक्टूबर से प्रारंभ होंगे. ऐसे में फिलहाल रेलवे के पास लगभग एक माह से भी का समय है.

दो साल से सबसे पहले बांट रहा रेलवे

मंडल में दो साल से दीपावली का बोनस सबसे पहले बंट रहा है. इस बार अब तक बोनस को लेकर कोई प्रारंभिक निर्देश तक नहीं आया है. इसे देखते हुए लेखा विभाग भी सुस्त है. वर्ष 2019 में रेलवे ने दशहरे (8 अक्टूबर) के 15 दिन पहले 23 सितंबर को ही 22.20 करोड़ का तथा वर्ष 2018 में दशहरे (19 अक्टूबर) के छह दिन पहले 13 अक्टूबर को ही 22.94 करोड़ का बोनस बांट दिया था.

व्यक्तिगत रूप से बोनस के पक्ष में

संक्रमण काल में सरकार और देश की हालत को देखते हुए कुछ कर्मचारी व्यक्तिगत रूप बोनस को मुद्दा बनाने के पक्ष में नहीं हैं. उनका मानना है कि सारा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है. ऐसे में बोनस मांगना का उचित समय नहीं हैं. हालाँकि, विपरीत इसके कर्मचारी नेता के रूप में बोनस वितरण की मांग उठाई जा रही है.

खर्च घटाने के लिए अब तक ये कदम उठा चुका रेलवे

डीए- महंगाई भत्ता जनवरी में 4 प्रतिशत बढ़ा था, वह अब तक नहीं मिल पाया है. जुलाई की घोषणा अभी तक नहीं हुई है. हालाँकि सरकार ने महंगाई भत्ता को जुलाई 2021 तक के लिए अधिकारिक रूप से घोषणा कर के फ्रीज कर दिया. बाद में ही पता चलेगा कर्मचारियों को ये कैसे मिलेगा.
इसके अतिरिक्त, प्रोजेक्ट होल्ड- इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन और महू-सनावद-खंडवा गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट को होल्ड कर दिया गया है. नीमच-बड़ी सादड़ी नई रेल लाइन और रतलाम-नीमच डबलिंग का बजट भी रोक दिया है. अब इन प्रोजेक्ट में 2021 में ही काम आगे बढ़ेगा. 8 से 10 माह में पूरे होने वाले प्रोजेक्ट चालू रहेंगे.
पोस्ट खत्म- अधिकारियों को मिलने वाली बंगला प्यून की सुविधा जुलाई में भी खत्म कर दी गई है. अगस्त में डाक मैसेंजर के पोस्ट खत्म कर दी. दोनों ही व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी.
“बता दें कि, अब तक विभागीय रूप से कोई सूचना नहीं आई है. साथ ही, बोनस का मामला वित्त मंत्रालय में विचाराधीन है. वरिष्ठ कार्यालय से जो निर्देश आएंगे उसके अनुसार बोनस को लेकर कदम उठाएंगे.” मनोहर सिंह बारठ, मंडल मंत्री वेरे एम्पलाइज यूनियन. बोनस मिलेगा या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैन ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर बोनस बांटने को कहा है. गौरव दुबे, मीडिया प्रभारी वेरे मजदूर संघ का कहना है कि वर्ष 2019-20 का बोनस तो कर्मचारियों को मिलना चाहिए.

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