आखिर क्या किया एक पोस्टमैन ने जो सब पद्मश्री अवार्ड देने के बात करने लगे !!!!

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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्टमैन छाये हुए हैं जिनका नाम डी सिवान है। कहते हैं कि अपनी खुशियां भूलकर दूसरों को खुशियां देना बहुत बड़ी बात है। डी सिवान की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। पिछले हफ्ते ही अपने पद से रिटायर हुए डी सिवान रोज पैदल 15 किलोमीटर चलकर लोगों की डाक देने जाते थे।

आईएएस सुप्रिया साहू ने डी. सिवन की एक तस्वीर ट्वीट की और और उन्होंने लिखा कि पोस्टमैन डी सिवान कुनूर के घने जंगलों से 15 किलोमीटर चलकर हाथी और भालुओं का सामना करते हुए लोगो तक उनकी चिट्ठी पहुचातें थे। वो झरनों सुरंगो को भी पार करते थे। वो तीस वर्षों से लगातार इसी तरह काम कर रहे थे और पिछले हफ्ते ही रिटायर हो गए

महीने के मात्र 12000 कमाने वाले डी सिवान रोज पंद्रह किलोमीटर का सफर बीहड़ जंगलों के बीच से होकर जाते थे। जिससे कि कई बार उनका सामना खतरनाक जंगली जानवरों से हुआ, लेकिन वो भी इनके जज्बों को कमजोर नहीं कर सके।

इस ट्वीट के बाद बहुत से लोगों ने कहा कि वो पदमश्री अवार्ड के हक़दार हैं और उन्हें ये अवार्ड मिलना चाहिए

सिवन की तारीफ में कसीदे इसलिए भी पढ़े जा रहे हैं क्योंकि यहां सिर्फ पैदल चलने की बात नहीं है. वह जिस रास्ते से जाते थे वह घने जंगलों और पहाड़ियों से गुजरता है और कई बार उन्हें जंगली जानवरों का भी सामना करना पड़ा. आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अपनी जान जोखिम में डालकर इतनी ईमानदारी से अपने काम को करे.

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