स्पीड पोस्ट – भारतीय डाक विभाग का एक प्रीमियम प्रोडक्ट

दोस्तों जो डाक विभाग से हैं उन्हें तो स्पीड पोस्ट का पता ही होगा और जो विभाग से नही हैं उन्हें बताते हैं स्पीड पोस्ट के बारे में।
स्पीड पोस्ट की शुरुआत 1 अगस्त 1986 को हुई थी जिससे कि डाक विभाग को एक नई दिशा मिली थी।और परिणाम यह हुआ पंजीकृत डाक का स्थान स्पीड पोस्ट ने ले लिया अर्थात स्पीड पोस्ट का महत्व बहुत बढ़ गया।जैसा कि नाम से ही पता चलता है स्पीड पोस्ट कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाती है।

1. स्पीड पोस्ट के माध्यम से हम 35 किलोग्राम तक का पार्सल भेज सकते हैं।यह एक विश्वास करने योग्य उत्पाद है जिसने की बहुत ही कम समय में लोगो में अपना विश्वास कायम किया है।
2. स्पीड पोस्ट करने के लिए लिफाफा डाकघर में बुकिंग लिपिक को देना होगा इसके बदले वो आपको एक रसीद देगा और निर्धारित फीस लेगा।
3. इसकी एक विशेषता यह भी है कि इसको ऑनलाइन ट्रैक भी किया जा सकता है ।आपको इसके लिए www.indiapost.gov.in पर जाना होगा और 13 अंकीय स्पीड पोस्ट संख्या डालना होगा इसके बाद आपको उसकी सारी स्तिथि पता चल जाएगी।
4. कीमती चीज़ भी भेज सकते हैं इसके लिए बीमा भी उपलब्ध है।
5.इसके माध्यम से Cash on delivery (COD) की भी सुविधा ले सकते हैं।
6.अगर आप बल्क ग्राहक है तो घर से ही पिक अप की सुविधा भी है।

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